मोदी ने मलेशियाई प्रधानमंत्री के समक्ष जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया

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व्लादिवोस्तोक (रूस)  : एन पी न्यूज 24 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने मलेशियाई समकक्ष महाथिर मोहम्मद के साथ विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के मुद्दे को उठाया। नाइक एक भगोड़ा है और उसने मलेशिया में शरण ली है।

मोदी रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। यहीं पर उन्होंने कार्यक्रम से इतर मोहम्मद के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह मामला उठाया। विदेश सचिव विजय गोखले ने इस बैठक के संबंध में मीडियाकर्मियों को जानकारी दी।

नाइक के प्रत्यर्पण के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह तय किया गया कि दोनों देशों के अधिकारी संपर्क में रहेंगे।

गोखले ने हालांकि इस संबंध में विस्तार से नहीं बताया। लेकिन सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मोदी द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया, चूंकि इस तरह के मामलों को नेतृत्व स्तर पर नहीं निपटाया जाता है। इसलिए दोनों देशों के अधिकारी इस बात पर चर्चा करेंगे कि नाइक को कानूनी प्रक्रिया के लिए जल्द से जल्द कैसे भारत लाया जा सकता है।

ढाका के होली आर्टिसन बेकरी में जुलाई 2016 में हुए आतंकी हमले में नाइक का नाम आने के बाद आतंकवाद से जुड़े गंभीर आरोपों के सिलसिले में उसे भारत में वांटेड घोषित किया गया था।

विवादास्पद पीस टीवी के संस्थापक 53 वर्षीय नाइक का जन्म मुंबई में हुआ था। यहां से भागने के बाद वह 2017 से मलेशिया में रह रहा है और वहां की पिछली सरकार ने उसे स्थायी निवासी भी बनाया हुआ है।

वर्तमान मलेशियाई सरकार ने अब तक उसे भारत वापस भेजने का फैसला नहीं किया है, लेकिन उसे अपने सार्वजनिक भाषण देने से रोक दिया है।

उसकी गतिविधियां मलेशियाई अधिकारियों की निरंतर निगरानी में हैं।

उन्होंने हाल ही में कुछ नस्लीय टिप्पणियां की, जिसके बाद मलेशिया के गृह मंत्री तन सरि मुहीदीन यासिन ने कहा कि कोई भी व्यक्ति देश के कानून से ऊपर नहीं है।

गोखले ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर मोदी और मोहम्मद के बीच बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि मलेशियाई प्रधानमंत्री ने सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा की।

विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बाद इससे सामना करने के तरीकों पर भी चर्चा की।

गोखले ने कहा कि दोनों के बीच जम्मू-कश्मीर से संबंधित ताजा हालातों पर भी चर्चा हुई। इस दौरान मोदी ने राज्य के पुनर्गठन के पीछे का उद्देश्य राज्य में प्रभावी शासन और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना बताया।

उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के संदर्भ में पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद पर अधिक जोर रहा।

दोनों प्रधानमंत्रियों ने व्यापार असंतुलन के मुद्दे पर भी चर्चा की और मोहम्मद ने इस पर विचार करने का वादा किया. जिसमें भारत से आयात में वृद्धि भी शामिल है।

दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बैठक को बहुत ही सौहार्दपूर्ण बताते हुए विदेश सचिव ने कहा कि मोदी ने मोहम्मद से कहा है कि वह द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

मलेशियाई नेता (94) को मई में दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था।

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