मास्को : समाचार एजेंसी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय रूस यात्रा पर पहुंचे। इस दौरान वह ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम की बैठक में शामिल होंगे। मोदी आज तड़के रूस पहुंचे। मोदी का व्लादिवोस्तोक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जोरदार स्वागत किया गया। यहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद मोदी व्लादिवोस्तोक के सुदूर पूर्वी संघीय विश्वविद्यालय पहुंचे, जहां भारतीय प्रवासियों ने जोरदार तरीके से स्वागत किया।
Prime Minister Narendra Modi welcomed by the Indian diaspora in Russia, at the Far Eastern Federal University (FEFU) in Vladivostok. pic.twitter.com/B0NcE4n4Tq
— ANI (@ANI) September 4, 2019
इस दौरे को बताया जा रहा खास –
बता दे कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के पाकिस्तान की तरफ से कई बार कोशिश हुई कि इस मसले को दुनिया के मंचों पर उठाया जाए। जब मसला चीन के कहने पर संयुक्त राष्ट्र पहुंचा तो वहां पर रूस ही था जिसने भारत के पक्ष में वोट दिया। इसके अलावा रूस ने खुलकर भारत का साथ दिया है।
PM Modi bats for India-Russia collaboration to produce low cost military equipment
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— ANI Digital (@ani_digital) September 4, 2019
इन मुद्दों पर हो सकती है बातचीत –
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा में न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन पर मेन फोकस रहेगा, इसके अलावा मिलट्री टेक्निकल को देखते हुए कई अन्य समझौते हो सकते हैं। साथ ही इस बैठक में इस पर भी फैसला हो सकता है कि 2025 तक भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हो, व्यापार 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचे।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi receives guard of honour, on his arrival in Vladivostok. He is on a 3-day visit to Russia. pic.twitter.com/o5AMKrd6zy
— ANI (@ANI) September 3, 2019
ये मुद्दे भी होंगे खास –
– रूसी संवाद समिति तास को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि उनकी पुतिन के साथ स्पेशल केमेस्ट्री है। उन्हें भरोसा है कि उनकी यह यात्रा दोनों देशों के मध्य संबंधों को नए आयाम, नई ऊर्जा देगी। तास की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और रूस 15 दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे। इनमें सैन्य-तकनीक क्षेत्र भी शामिल हैं।
– भारत और रूस के बीच सड़क निर्माण, परिवहन समेत कई क्षेत्रों में समझौता होने की संभावना है। इसी के साथ कच्चे तेल और गैस क्षेत्र में गहरे सहयोग के लिए पांच वर्षीय खाका तैयार किए जाने की उम्मीद है। इसके अलावा भारत में परिवहन की लागत कम हो सके, इसके लिए मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब समेत परिवहन के सभी साधनों से जुड़ी तकनीक सुलभ कराने से संबंधित समझौता होगा।
– कच्चे तेल और गैस क्षेत्रों के विकास के लिए देश की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और रूसी संस्थाओं के बीच कुछ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किये जाएंगे।