गणेशोत्सव: श्री गणेश और महालक्ष्मी की स्थापना करने के लिए शुभ मुहूर्त

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एन पी न्यूज 24 – श्री गणेश जी का आगमन भाद्रपद शुद्ध चतुर्थी अर्थात सोमवार, 2 सितंबर को होने जा रहा है. इस दिन सूर्योदय के बाद से दोपहर 1.30 बजे तक बप्पा की पूर्ति स्थापित की जा सकती है.

महाराष्ट्र पंचागंकर विद्याताई राजंदेकर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, श्री गणेश की स्थापना मध्याह्न काल में की जाती है. शास्त्रों में वर्णित है कि गणेश चतुर्थी के दिन गणेश मूर्ति स्थापना मध्य दोपहर से पहले तक कर देनी चाहिए. इसलिए, सूर्योदय से दोपहर 1.30 बजे तक का समय सबसे सर्वोत्तम है. गणेश चतुर्थी के दिन शाम को चंद्रमा के दर्शन करने को अच्छा नहीं माना जाता. इस दिन, चंद्रास्त का समय 9 बजकर 8 मिनट है.

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनिल वैद्य द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यदि भाद्रपद गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश की स्थापना संभव नहीं है, तो उसके बाद स्थापना नहीं की जानी चाहिए. अगर गणपति की स्थापना के बाद आपको अशौच आ जाता है, तो गणपति को किसी दूसरे के द्वारा विसर्जित किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे बताया कि अगर घर में किसी की मृत्यु हो जाने के एक वर्ष के दौरन गणपति या  गौरी व्रत आता है तो उसे मनाना चाहिए.

महालक्ष्मी की पूजा

भाद्रपद माह में महालक्ष्मी या गौरी व्रत को  महाराष्ट्र में प्रमुखता से मनाया जाता है. अनुराधा नक्षत्र पर आह्वान, ज्येष्ठ नक्षत्र पर पूजा व मूल नक्षत्र पर विसर्जन किया जाता है. विद्याताईराजंदेकर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष भाद्रपद शुद्ध सप्तमी अर्थात 5  सितंबर को है. उस पूरे दिन अनुराधा नक्षत्र का योग है. इस दिन शाम 6.34 बजे तक वैधृती योग है. लेकिन महालक्ष्मी की स्थापना में वैधृती दोष नहीं है. शुक्रवार, 6 सितंबर को ज्येष्ठ नक्षत्र है. इस दिन दोपहर या शाम को महालक्ष्मी पूजा व महानैवेद्य किया जाना चाहिए. 7 सितंबर को दिवसभर मूल नक्षत्र है. इसलिए, इस दिन महालक्ष्मी का विसर्जन करना चाहिए. इस साल महालक्ष्मी का वाहन हाथी है.

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